Asamay Baal Pakne ke karan, असमय बाल पकने के कारण


Asamay Baal Pakne ke karan

पटना : यह बहुत ही बड़ी और सार्वजनिक समस्या हो गई कि कम उम्र में ही बाल पक रहा है। आजकल देखने को मिल रहा है, कि जिस बच्चे का उम्र 20 की दहलीज पार किया, उसके दाढ़ी आते ही पकाने शुरू हो जा रहे हैं। दाढ़ी और बाल का पकाना एक बहुत बड़ी विकट समस्या हो गई है। लेकिन मेडिकल साइंस के अलावा कोई भी इस बात को पूख्ता नहीं बता सकता है।

हालांकि ऐसी बात नहीं है कि आप यदि बाजार की वस्तुएं नहीं खरीद कर खा रहे हैं, तो आपका बाल नहीं पकेगा। बल्कि काफी परहेज करने वाले व्यक्तियों के बाल भी पकते नजर आ रहे हैं। चिंता की बात तो यह है कि कोई भी पुरुष या महिला जिसकी उम्र 30 के हो गए हो उनकी इतनी बाल पक जाती है, कि मजबूरी में उनको अपने बालों को कलर करना पड़ता है।

यहां समझने वाली बात है कि कलर करने के बाद तो वह बाल काले दिखने लगते हैं। लेकिन उस केमिकल से जिससे आपने कलर किया है। उसका खतरनाक दुष्प्रभाव आपके शरीर पर देखने को मिलता है। चमड़े से संबंधित एलर्जी, काफी परेशान करने लगती है। इसी खतरनाक केमिकल की वजह से आंखों की खराब होने का भी रेशियों बढ़ रहा है।

दरअसल वैज्ञानिकों ने ऐसा अनुभव लगाया है, कि विगत 15, 20 वर्षों से यह समस्या देखी जा रही है। जबकि खाद अनाजों में केमिकल का प्रयोग पिछले 50-60 वर्षों से हो रहा है। अनुमान के आधार पर दो मुख्यतः कारण सामने आ रहे हैं। पहला कारण है अंग्रेजी दवाइयों में अत्यधिक एंटीबायोटिक का प्रयोग करना।

दरअसल अंग्रेजी दवाइयों में एंटीबायोटिक का प्रयोग इतना बढ़ गया है, कि हर एक डॉक्टर किसी भी इलाज में बिना एंटीबायोटिक का सहारा लिए दवा नहीं लिख रहे हैं। मनुष्य का शरीर अधिक एंटीबायोटिक को बर्दाश्त नहीं कर रहा है। जिसकी वजह से बाल, दाढ़ी और मूंछ असमय पक जा रहा है।

जबकि इसका दूसरा कारण है चिकन का सेवन करना भी है। चिकन को पालने में जिस तरह कि एंटीबायोटिक का प्रयोग हो रहा है। वह बड़ा ही जानलेवा है और शरीर का संतुलन भी बिगड़ने में इसकी अहम भूमिका है। मुख्यतः कई लोगों पर सर्वे करके भी देखा गया है, (हालांकि यह सर्वे सार्वजनिक नहीं की गई है) कि चिकन खाने वाले व्यक्तियों के शरीर में कई तरह के अनावश्यक ग्रोथ देखने को मिल रहा है। 

                            आपने कभी सोचा है कि सिर्फ दो माह में चिकन का साइज इतना कैसे बढ़ जा रहा है ? इस बात को भी झूठ लाया नहीं जा सकता कि मनुष्य के बालों पर भी इसकी बुरी प्रभाव पड़ती होगी। लगता है इससे भी असमय बाल पकने शुरू हो जा रहे हैं। बहुत हद तक यह दोनों कारण है जो असमय बाल को पका रहे हैं।

अब बात आती है कि मनुष्य असमय बाल पकना रोक तो रोके कैसे ? 

चलिए हम आपको बता रहे है कि निम्न कारण है। जिससे बहुत हद तक असमय बालों को पकाने से रोका जा सकता है :-

क) कम से कम एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग करके। 

ख) केमिकल युक्त अन्न और सब्जियों का त्याग करके। 

ग) चिकन खाने से परहेज करके। घ) पेट संबंधी बीमारियों का इलाज करके। 

च) शिकाकाई, आंवला, रीठा आदि का शैंपू एवं उसका अर्क (रस, गोली,सीरप) प्रयोग करके।


नोट : उपरोक्त विचार सामाजिक व्यावहारिकता और विश्लेषण पर निर्भर है। इस खबर की पुष्टि नील सागर नहीं करता है। आप अपने स्तर से निर्णय लें या विशेषज्ञों से बात करें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ